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‘चेहरे पे सारे शहर के गर्द-ए-मलाल है…’, बैन-ऐलान-सख्ती… फिर कैसे अवैध अस्पतालों एवं पैथोलॉजी और डायग्नोस्टिक सेंटर का हब बन गया अंबेडकरनगर ?

आखिर ये Dr S.Devi हैं, कौन जिसको आज तक नहीं देखा किसी ने अल्ट्रासाउंड के लिए होना चाहिए सोनोलॉजिस्ट मॉर्डन क्लिनिक सेंटर पर आखिर कौन है सोनोलॉजिस्ट सर्वाधिक जांचें पूरे जनपद में करने वाला यह पैथोलॉजी सेंटर कर रखा डाक्टरों से कमीशन सेट प्रतिदिन होती लाखों की जांच पक्की बिल भी नहीं देता मरीजों को GST कि चोरी करने में भी है मशहूर…..??

अम्बेडकरनगर। मुख्य चिकित्साधिकारी के नाक के नीचे बिना रजिस्ट्रेशन चल रहे अवैध पैथोलॉजी व डायग्नोस्टिक सेंटर,वैसे तो जिले में झोलाछाप अवैध क्लीनिकों व पैथोलॉजी लैबों का जाल बिछा है, लेकिन सबसे बदरत स्थिति अम्बेडकर नगर की है। यहां कस्बे के अलावा आसपास के गांवों में भी झोलाछाप के क्लीनिक मिल जाएंगे। यह झोलाछाप बिना संसाधनों के ही गंभीर रोगों का भी इलाज करते हैं। मरीजों के स्वास्थ्य से ही नहीं बल्कि उनके जीवन से भी खिलवाड़ हो रहा है। पैथोलॉजी लैबों से इनकी सांठगांठ रहती है और अनावश्यक रूप से लोगों की जांचें कराते हैं। कस्बे में कई लैब पूरी तरह से अवैध हैं। न तो इन पर टैक्निशियन है और न ही जांच के उपकरण। सबसे रोचक नजारा आप को अम्बेडकरनगर की टांडा तहसील के रोडवेज स्थित मॉर्डन डायग्नोस्टिक सेंटर का देखने को मिलेगा इनके फ्लैक्स बोर्ड पर Dr S.Devi का नाम लिखा है और उनके नीचे मॉर्डन डायग्नोस्टिक सेंटर का रजिस्ट्रेशन नंबर अब सोचने और देखने वाली बात है, कि आज एक किसी ने बोर्ड पर लिखे डॉ के नाम वाली महिला हो या पुरुष उसको किसी के देखा तक नहीं आखिर कौन है और कहा रहती है, ये डाक्टर महोदया आखिर कब और कौन पूछेगा इसे इसकी कौन करेगा जांच क्या मुख्यचिकित्सा अधिकारी डॉ राज कुमार जी लेंगे अपने संज्ञान में और करेंगे उक्त डायग्नोस्टिक सेंटर की जांच यहां के लैब डिग्रीधारकों का भी नहीं अता पता अनभिज्ञ युवकों को अक्सर यहां खून की जांच और रिपोर्ट बनाते आप कंप्यूटर पर देख सकते हैं। जब की आप को बता दू की उक्त डायग्नोस्टिक सेंटर के रहे फाउंडर स्व शकील अख्तर की मृत्यु कई वर्षों पहले हो चुकी लेकिन जांच रिपोर्ट पर आज भी उनके नाम के नीचे सिग्नेचर कर रिपोर्ट दी जाती है, उक्त डायग्नोस्टिक सेंटर पर स्व शकील अख्तर के शहजादे ही जांच करते हैं और अपने रखे नौसिखिया लड़कों से रिपोर्ट बनवा कर तैयार करवाते हैं यही नहीं इनके यहां दिन भर जांच के लिए लाबी कतारें लगी हुई दिखाई पड़ती हैं। इनके द्वारा टांडा शहर के सर्वाधिक डाक्टरों से मोटा कमीशन भी तय किया गया है, और इनकी ही जांच रिपोर्ट करवा कर डाक्टर लाने पर मरीजों को मजबूर करते है। सूत्र बताते हैं कि रोजाना इनके डायग्नोस्टिक सेंटर पर लाखों रुपए की जांच की जाती है किसी भी ग्राहक को GST बिल भी नहीं दी जाती तमाम खामियों के भींच बेखौफ हो कर चल रहा ये डायग्नोस्टिक सेंटर मसलन देखना होगा कि मुख्यचिकित्सा अधिकारी डॉ राज कुमार करते है इस डायग्नोस्टिक सेंटर की जांच पड़ताल और क्या करते है कार्यवाही…..

इनकी रिपोर्ट भी विश्वसनीय नहीं होती हैं। ऐसा नहीं कि जिले के आला अफसरों और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन सांठगांठ के चलते झोलाछाप अमरबेल की तरह पनप रहे हैं।

उड्डयन विभाग द्वारा एनओसी न लेने वाले मकानों पर कब गरेजगा बुलडोजर!

अम्बेडकरनगर
हवाई पट्टी के रेड जोन में बिना परमिशन उनकी ऊंची ऊंची इमारतें बन रही है , जिसके चलते आने वाले समय में फ्लाइट के उड़ान भरने के में दिक्कत हो सकती है.कुछ लोगों ने बातचीत में बताया कि एयरपोर्ट के आसपास कई मकान बिना ऐसे हैं जिनके नक्शे नहीं पास है. इन मकानों ने ना ही नगर पालिका से और ना ही एयरपोर्ट प्रशासन की अनुमति ली है, दरअसल,बाउंड्री वालों से सटाकर अवैध बिल्डिंग बन रहे हैं। मीडिया की पड़ताल में हवाई पट्टी की बाउंड्री से दक्षिण तथा पश्चिम की तरफ बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण होता मिला।इस मामले को लेकर कई बार जिम्मेदार अधिकारियों के संज्ञान में डाला भी गया खबरें प्रकाशित भी हुई, लेकिन विभाग की मिलीभगत की वजह से अवैध रूप से निर्माणाधीन भवनो के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। अब शिकायतकर्ताओं ने मामले की कंप्लेंट सीएम योगी आदित्यनाथ से की है।

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