
विशेष संवाददाता…..
अम्बेडकरनगर। पूर्वांचल के ऐतिहासिक गोविंदसाहब मेले में लगभग एक पखवाड़ा का समय शेष है, लेकिन अब तक तैयारियां शून्य हैं। परिसर स्थित सामुदायिक शौचालय का अब तक ताला नहीं खुल सका है, तो मठ तक जाने वाले मार्ग क्षतिग्रस्त हैं। परिसर स्थित तीन रैन बसेरे की साफ-सफाई नहीं है। दो दर्जन से ज्यादा दुकानें व झूले मेला परिसर में पहुंच चुके हैं, इसके बावजूद व्यवस्थाएं बेपटरी हैं।10 दिसंबर से पवित्र गोविंदसाहब मेले की शुरुआत होने जा रही है। एक माह तक चलने वाले मेले में अंबेडकरनगर के साथ संतकबीरनगर, गोरखपुर, बस्ती, जौनपुर, आजमगढ़ समेत कई अन्य जनपदों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। गोविंदसाहब मठ में पूजा-अर्चना के साथ परिसर स्थित गोविंद सरोवर में स्नान भी करते हैं। इस बीच मेला परिसर में खजला समेत कई अन्य प्रकार की दुकानें सजना शुरू हो गईं हैं, साथ ही आकर्षक झूले भी लगने शुरू हो गए हैं।इन सबके बावजूद मेला परिसर में अब तक व्यवस्थाएं बेहतर नहीं की जा सकी हैं। गोविंदसाहब मठ द्वार से लेकर परिसर के अंदर जगह जगह गंदगी का अंबार है। जिला पंचायत परिसर में ही तीन रैन बसेरे हैं लेकिन उनकी सफाई नहीं हो सकी। तीन सार्वजनिक सुलभ शौचालय का अब तक ताला नहीं खुला है। मठ की तरफ जाने वाला मार्ग गड्ढों में तब्दील है। प्रकाश व पेयजल की भी समुचित व्यवस्था अब तक नहीं हो सकी है। इससे दुकानदारों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।खजला की दुकान करने वाले राजीव कुमार ने कहा कि शौचालय पर ताला लटका है। ऐसे में शौच के लिए खेत में जाना पड़ता है। सफाई व्यवस्था भी पूरी तरह से बेपटरी है। जिम्मेदारों को इसे लेकर गंभीरता दिखानी चाहिए। एक अन्य दुकानदार रामलाल ने कहा कि प्रकाश, पेयजल व शौचालय की समुचित व्यवस्था न होने से मुश्किल हो रही है। अब मेले की शुरुआत होने में अधिक दिन नहीं रह गए हैं। ऐसे में जिम्मेदारों को इसे लेकर गंभीरता दिखानी चाहिए।