
CHC अकबरपुर में तैनात अधीक्षक भी यदा-कदा आते मेहमान नवाजी कर के चल देते उल्टे पैर…..आखिर कब लेगा स्वास्थ्य विभाग उक्त प्रकरण में सुधि…..??

अम्बेडकरनगर जनपद में स्वास्थ्य महकमे की अजीबों गरीब खबरें सुर्खियों में बनीं रहने पर मजबूर हो रहीं हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार स्वास्थ्य विभाग को आमजन मानस के बेहतर इलाज़ की व्यवस्था किए जाने का निर्देश दे रहे और अपनी कोशिशों के आधार पर बजट का भी प्रबंध कर रहे लेकिन अम्बेडकरनगर जनपद में स्वास्थ्य विभाग के उदासीन अधिकारी के ऊपर उत्तर प्रदेश के सुप्रीमों के आदेश का कोई फर्क पड़ता नहीं दिखाई पड़ रहा हैं।
ज्ञातव्य हो कि 22 नवंबर को लगभग दिन में 12 बजे के आस, पास एक मीडिया कर्मी के गुप्त कैमरे में अजीबों, गरीब तस्वीर कैद हो गई जिसको देखने के बाद तो स्वास्थ्य विभाग में तैनात अधिकारियों की उदासीनता का काला चिट्ठा फोटो को देखने से ही खुल कर सामने आ गया। आइए विस्तार से जानते है, मामला है सीएचसी अकबरपुर का उक्त सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मेडिकल उपकरण से संबंधित सिरिंज एवं कॉटन तथा ग्लव्स आदि संसाधन जो सरकार के खजाने से जनता के इलाज के लिए आवंटित होते है। उन्हें इस कदर कूड़े की ढेर में फेक दिया गया जैसे इन उपकरणों में सरकार के चोरी वाले खजाने से उपकरण की खरीद की गई हो अब आप ही बताएं अगर इस कदर लापरवाह अधिकारी कर्मचारी स्वास्थ्य विभाग में तैनात हैं, जो जनता के उपचार में जरूरत आने वाले मेड़किल उपकरणों के रख, रखाव की सुधि नहीं ले सकता तो कैसे जनता का उपचार बेहतर ढंग से करने की सुधि लेता होगा।
ये कोई छोटा मामला नहीं है, इस प्रकार अनेकों बार स्वास्थ्य विभाग की नाकामियों एवं लापरवाही की खबरें उजागर होती है। लेकिन ख़ाऊ कमाऊ नीति के पुरजोर भ्रष्टाचार के दलदल में सच्चाई को ढकने का नायाब तरीका ढूंढ लिया जाता है।

और सुधार होना स्वास्थ्य विभाग में टेढ़ी खीर बनती दिखाई पड़ने लगती हैं। जैसे तैसे मरीजों का इलाज भी हो पाना संभव नहीं हो पाता और तो और हालात बेहद बद से बदतर होती जा रही स्वास्थ्य विभाग की जब मरीजों के इलाज का प्रबंध करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार लाख जतन कर रही सुविधाएं भी मुहैया करा रही किंतु इनकी लापरवाहियों से निःशुल्क मिलने वाले मेडिकल उपकरण को कूड़े की ढेर में तब्दील कर दिया जा रहा और मरीजों से दवा एवं सिरिंज कॉटन आदि के लिए बाहर के मेडिकल स्टोरों से भेज कर मंगवा लिया जाता हैं। मीडिया की पड़ताल में देखने को मिला कि सीएचसी अकबरपुर प्रभारी डॉक्टर मार्कण्डेय मेहमान नवाजी कर याद, कदा आते हैं, और हालांकि बिना देर किए यहां से निकल जाते हैं। एसे में कैसे होती होगी सीएचसी अकबरपुर में तैनात डाक्टरों की देख रेख आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं। सुनने में मिला था कि सीएचसी अकबरपुर प्रभारी डॉक्टर मार्कण्डेय जी को अतरिक्त प्रभार जिला प्रतिरक्षण अधिकारी का मिला हुआ हैं, तो ऐसे में उनके द्वारा अधिकतर समय मुख्यचिकित्सा अधिकारी कार्यालय में ही दिया जाता हैं,
वही अकबरपुर सीएचसी प्रभारी डॉक्टर मार्कण्डेय से जब वार्ता की गई तो उन्होंने कहा कि कल ही लॉट आई थी उतरा था कोई वही रख दिया था मैने उठवा कर उसे यथाशीघ्र संज्ञान में आने के बाद रखवा दिया गया है। उन्होंने बताया कि मुझे सीएचसी अकबरपुर का प्रभारी भी बनाया गया है। और जिला प्रतिरक्षण अधिकारी का अतरिक्त चार्ज भी मिला हुआ है तो मुझे मुख्यचिकित्सा अधिकारी कार्यालय पर भी कार्यभार देखना होता है।