अवध की शान – आपकी अपनी पहचान
अर्पित सिंह श्रीवास्तव वरिष्ठ पत्रकार एवं मुख्य सम्पादक
अम्बेडकरनगर जिले में योगी आदित्यनाथ सरकार के निर्देश के बाद भी अधिकांश थानों में डबल स्टार उप निरीक्षक को थाने का चार्ज देना पुलिस अधीक्षक के लिए मजबूरी बनता दिखाई दे रहा हैं।
ज्ञातव्य हो कि जनपद में अभी भी ट्रिपल स्टार इंस्पेक्टर की कमी नहीं है, जब की कई कोतवाली और थानों में सेकेंड स्पेक्टर के तौर पर कइयों ट्रिपल स्टार इंस्पेक्टर की तैनाती की गई है।
वही डबल स्टार दरोगा को थाने का चार्ज दे दिया गया है। जानकारों का कहना है कि जब उत्तर प्रदेश सरकार का स्पष्ट निर्देश है कि कोतवाली और थानों में डबल स्टार यानि उप निरीक्षक को थाना अध्यक्ष पद पर तैनात न किया जाए फिर भी उनको थाने पर तैनात कर दिया जा रहा हैं।
यह पुलिस अधीक्षक के लिए यश प्रश्न खड़ा कर रहा हैं। ऐसा नहीं है, की जनपद में ट्रिपल स्टार इंस्पेक्टर की कमी बनी हुई हैं। लेकिन उन्हें मौका नहीं दिया जा रहा कि उनको अपराध नियंत्रण करने का और अपने ज्यादा अनुभव से थाने को चलाने का अवसर दिया जाए जिससे अपराध पर और अधिक अंकुश लगाया जा सके। देखा जाए तो जनपद में कुल कोतवाली और थाना मिला कर 19 थानों और कोतवाली की स्थापना की गई है।
इनमें से अधिकांश थानों में डबल स्टार दरोगा को थाने का थाना अध्यक्ष बना कर उन्हें थाना चलाने की जिम्मेदारी दी गई हैं। हालांकि जब जनपद में ट्रिपल स्टार इंस्पेक्टर की अधिकांश मौजूदगी पर्याप्त रूप में हैं। तो उन्हें सर्वप्रथम मौका थाने के इंचार्ज के रूप में मिलना चाहिए जिससे कानून व्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाने में कारगार किया जा सके।
विस्तार से अगले अंक में खबर को और व्यापक रूप से प्रसारित कर इन मुद्दों को उजागर किया जाएगा जिससे पता चल सके कि आखिर क्या मजबूरी है जो ट्रिपल स्टार इंस्पेक्टर को थानों का चार्ज न दे कर डबल स्टार दरोगा को थाने का थाना अध्यक्ष बनाया जा रहा हैं।