
अवध की शान – आपकी अपनी पहचान
अर्पित सिंह श्रीवास्तव वरिष्ठ पत्रकार एवं मुख्य सम्पादक
अम्बेडकरनगर जिले अकबरपुर तहसील व टांडा तहसील में भ्रष्टाचार का आलम यह है कि शिकायती पत्र देने के बाद कार्रवाई हो पाना बहुत ही मुश्किल हो गई है।
जिम्मेदार अधिकारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त होने के बाद भी सरकारी जमीन को बचाने में कोई रुचि नहीं ले रहे हैं जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सीधा निर्देश है की किसी सरकारी जमीन पर कोई कब्जा न कर पाए फिर भी अकबरपुर तहसील व टांडा तहसील के अधिकारियों को इस बात का कोई प्रभाव नहीं है।
सभासद के द्वारा दिए गए शिकायती पत्र के बाद भी अभी तक कोई कार्रवाई जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा नहीं की गई है और न ही पंचायत भवन की सरकारी जमीन को संरक्षित कराया गया है।
टांडा तहसील क्षेत्र अंतर्गत अलीमुद्दीनपुर नगर क्षेत्र गाटा संख्या 92 खलिहान की भूमि के नाम दर्ज होने के बावजूद दबंगों ने उक्त सरकारी भूमि पर कब्जा कर रिहायशी मकान बना लिया और स्थानीय एक व्यक्ति के भूमि से सटी भूमि के रास्ते को भी अवरुद्ध कर दिया गया।
जब की उक्त भूमि से अवैध कब्जे को हटाएं जाने की जनहित में अनेकों बार शिकायत जिला प्रशासन और स्थानीय प्रशासन से की गई लेकिन कार्रवाई के नाम पर संबंधित अधिकारियों द्वारा चुप्पी साध ली गई। अनेकों बार तहसील दिवस के अवसर पर भी संबंधित अधिकारियों से उक्त भूमि पर दबंगों द्वारा अवैध कब्जा किए जाने की शिकायत की गई लेकिन शिकायत कर्ता के प्रार्थना पत्र को रद्दी की टोकरी में डाल कर दबा दिया गया।
आलम यह है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के सख्त आदेश के बाद भी उनके आदेशों का अनुपालन न करा कर उनके आदेश को जिम्मेदार रद्दी की टोकरी में डाल कर कैद कर दिए हैं। एसे ही अनेकों मामले हैं जिन्हें यही संबंधित अधिकारियों द्वारा टरका दिया जाता हैं। और समय आने पर काम का अभाव बता कर चुप्पी साध ली जाती हैं।
दूसरी तरफ जिला मुख्यालय के अकबरपुर नगर पालिका क्षेत्र अंतर्गत गोविंद गणेशपुर वार्ड नंबर 16 के सभासद कंचन वर्मा ने बीते 4 फरवरी को उप जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देकर बैरमपुर बरवा गांव में पंचायत भवन के नाम दर्ज गाटा संख्या 448 की पैमाइश करते हुए सरकारी जमीन को संरक्षित करने की मांग किया था। लगभग डेढ़ माह का समय बीत गया अभी तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है अधिकारी इस मामले में कोई रुचि नहीं दिख रहे हैं।
वही दूसरा मामला अकबरपुर तहसील क्षेत्र के कोटवा महमदपुर गांव का है। जहां ग्राम प्रधान पति के द्वारा सड़क किनारे स्थित बेस कीमती सरकारी भूमि गाटा संख्या 572 पर अपने अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए अवैध रूप से दीवाल बनाकर लोहे का गेट लगाकर कब्जा कर लिया है।
क्षेत्र पंचायत सदस्य समेत दो दर्जन से अधिक ग्रामीणों ने सामूहिक शिकायती पत्र उपजिलाधिकारी को सौंपा था लेकिन उस पर भी आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। वही ग्रामीणों ने आरोप लगाया था कि ग्राम प्रधान पति ने क्षेत्रीय लेखपाल से अवैध कब्जा हटवाने के बजाय मिली भगत कर लिया गया है। जिसकी शिकायत दोबारा ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से की है।
तीसरा मामला तहसील क्षेत्र के पियारे पुर गांव का है।
गरीब महिला शिमला गुप्ता न्याय के लिए दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर हो चुकी है। शिकायती पत्र देने के बाद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पा रही है। आश्वासन तक ही सारा मामला सीमित है। महिला का आरोप है कि उसके विपक्षी उसके जमीन के कुछ अंश पर कब्जा कर लिए हैं।
जिसे खाली करने को तैयार नहीं है। कई बार शिकायती पत्र दिया लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। उपजिलाधिकारी को शिकायत पत्र देकर एक बार फिर पुलिस बल से मकान को खाली करवाने की मांग की है।
फरियादी तहसील का चक्कर काटते काटते जा रहे थकहार
जनता दर्शन में दिए जा रहे शिकायती पत्र पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पा रही है। शिकायती पत्रों को कूड़ेदान में डाल दिया जा रहा है। जिनका पता नहीं चल पा रहा दिए गए शिकायती पत्र कहां गए। लगातार फरियादी तहसील का चक्कर काटते काटते थक हार जा रहे हैं।
अंत में निराशाजनक होकर उच्च अधिकारियों को शिकायत पत्र देने को मजबूर हो जाते हैं लेकिन उच्च अधिकारियों को दिए गए शिकायती पत्र भी तहसील स्तर के अधिकारियों के पास आता है उसके बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है जांच के नाम पर केवल शिकायत कर्ता को गुमराह किया जा रहा है। फर्जी रिपोर्ट लगाकर अख्या प्रस्तुत कर दी जा रही है। जिम्मेदार अधिकारी भी उसी के आधार पर निस्तारित कर दे रहे हैं।