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टांडा कोतवाली क्षेत्र में दर्दनाक सड़क हादसा: रेलवे कर्मी की सड़क दुर्घटना में मौत, बहन की शादी में निजी कार से जा रहा था अपने घर

अम्बेडकरनगर-बस्ती हाईवे पर टांडा कोतवाली के दौलतपुर हाजल पट्टी के पास शनिवार देर रात चचेरी बहन की शादी में शामिल होने बसखारी आ रहे रेलकर्मी सौरभ मद्धेशिया (28) की कार में ट्रक ने टक्कर मार दी।

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अर्पित सिंह श्रीवास्तव वरिष्ठ पत्रकार एवं मुख्य सम्पादक

अम्बेडकरनगर-बस्ती हाईवे पर टांडा कोतवाली के दौलतपुर हाजल पट्टी के पास शनिवार देर रात चचेरी बहन की शादी में शामिल होने बसखारी आ रहे रेलकर्मी सौरभ मद्धेशिया (28) की कार में ट्रक ने टक्कर मार दी।

टांडा कोतवाली पुलिस ने सौरभ को सीएचसी बसखारी पहुंचाया, जहां चिकित्सक ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। हादसा इतना भयानक था कि सौरभ की कार के परखचे उड़ गए।

रेलकर्मी सौरभ बस्ती जनपद में उपडाक पार्सल के पद पर तैनात थे। नौकरी के चलते वह बस्ती में ही रहते थे। तीन फरवरी को उनकी चचेरी बहन की शादी है। उसी में शामिल होने के लिए वह कार से अकेले ही अपने घर बसखारी कस्बा आ रहे थे।

हाजल पट्टी के पास रात करीब 11:30 बजे उनकी कार में पीछे से ट्रक ने टक्कर मार दी। सौरभ ने कार को संभालने की कोशिश की, लेकिन इतनी देर में वह हाईवे की दूसरी लेन में पहुंच गए। इसी दौरान विपरीत दिशा से आ रहे दूसरे ट्रक ने फिर उनकी कार में टक्कर मार दी, जिसमें वह बुरी तरह घायल हो गए। स्थानीय लोगों ने उन्हें कार से बाहर निकाला और पुलिस को सूचना दी। घटना की जानकारी मिलते ही उनके छोटे भाई सत्यम और संगम अस्पताल पहुंच गए।

रविवार सुबह सौरभ का शव गांव पहुंचा तो कोहराम मच गया। बेटे का शव देख मां रेनू देवी बेसुध हो गईं। छोटी बहन गायत्री का रो-रोकर बुरा हाल था। शाम को महादेवा घाट पर सौरभ का अंतिम संस्कार कर दिया गया। प्रभारी निरीक्षक दीपक रघुवंशी ने बताया कि घायल की मदद के लिए तुरंत टीम भेजी गई थी। तहरीर मिलने पर केस दर्ज किया जाएगा।

तीन वर्ष से लापता हैं मृतक के पिता

मृतक सौरभ मद्धेशिया के पिता पदुमचंद मद्धेशिया बर्तन के थोक व्यापारी हैं। बसखारी-जहांगीरगंज बाजार में बर्तन की उनकी पुरानी दुकान है। तीन वर्ष पूर्व संदिग्ध परिस्थितियों में पदुमचंद लापता हो गए। अब तक उनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकी है। तभी से परिवार की जिम्मेदारी सौरभ उठा रहे थे। वह तीन भाइयों में सबसे बड़े थे।

रेलकर्मी सौरभ मद्धेशिया 12 फरवरी को शादी के पवित्र बंधन में बंधने जा रहे थे। घर पर 10 दिन के भीतर दो वैवाहिक कार्यक्रम होने थे। तीन फरवरी को सौरभ की चचेरी बहन की शादी होनी है। परिवार में खुशी का माहौल था। सभी नाते रिश्तेदार भी आ गए थे। सौरभ के परिवार की खुशी उस समय गम में तब्दील हो गई, जब परिवारीजन को हादसे की सूचना मिली।

रविवार को उनकी अर्थी घर पहुंची तो हर तरफ चीख पुकार मच गई। यह दृश्य देख वहां खड़े लोग भी अपने आंसू नहीं रोक सके। बसखारी बाजार वासियों के अनुसार सौरभ होनहार छात्र थे। वर्ष 2016 में लेखपाल परीक्षा में चयन होने के बाद जॉइनिंग की थी। इसी दौरान वर्ष 2018 में रेलवे विभाग की परीक्षा पास कर ली और लेखपाल की नौकरी से त्यागपत्र दे दिया। सौरभ परिवार में सबसे बड़े थे और अपनी जिम्मेदारी का बखूबी से निर्वहन कर रहे थे।

शादी से 10 दिन पहले ही सौरव मद्धेशिया की अर्थी को कंधा देने में परिजनों तथा रिश्तेदारों की आंखें बरसने लगी। रेलवे विभाग में बस्ती जनपद में डाक पार्सल के पद पर कार्यरत सौरभ तीन भाई वह एक बहन में सबसे बड़े थे। परिवार की जिम्मेदार होने के साथ-साथ होनहार व्यक्तित्व के धनी थे।

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