अधिवक्ताओं ने लामबंद होकर तहसील परिसर में हंगामा करते घूस का रेट सूचीबद्ध कर रेट सूची तहसीलदार से जारी करने की किया मांग

अधिवक्ताओं ने तहसील में विभिन्न वादों के निस्तारण में व्याप्त भ्रष्टाचार से परेशान हो कर किया नारे बाजी एवं घूस का रेट फिक्स कर सूची जारी करने की किया मांग

0
121

अरविन्द सोनी ब्यूरो प्रमुख अम्बेडकरनगर

अम्बेडकरनगर जनपद की टांडा तहसील के अधिवक्ताओं ने विभिन्न पटलों पर लंबित मामलों के निपटारे में घूस लेने की मची होड़ के बाबत अधिवक्ताओं ने तहसीलदार को पत्र लिख कर घूस के विभिन्न रेट को सूचीबद्ध करते हुए रेट फिक्स कर सूची जारी करने की मांग की है।

उल्लेखनीय हैं कि अधिवक्ताओं ने हंगामा करते हुए मांग पत्र के माध्यम से पूछा कि विभिन्न पटलों पर लंबित मामलों में कितनी धनराशि घूस के तौर पर देनी होगी। और विभिन्न पटलों पर लंबित मामलों के निपटारे को लेकर घूस की रेट सूची को सूचीबद्ध करते हुए जारी करने की मांग की, हालांकि इस बीच अनैतिक भ्रष्टाचार के पनपने से नाराज अधिवक्ताओं ने बताया कि हम सभी लोगों द्वारा घूस का रेट सूचीबद्ध होने के पश्चात उसी हिसाब से अपने-अपने मौकिल से रेट सूची के अनुसार पैसे मांग कर मामले का निपटारा करने के लिए अग्रसर हो सकें।

ज्ञातव्य हो कि उत्तर प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार को मुक्त करने का दावा करती फिरती हैं, जिला प्रशासन उक्त दावे की डुग्गी बजाता है, लेकिन टांडा तहसील के अधिवक्ताओं ने इन सबके द्वारा किए जा रहें निजी स्वार्थों में घूस लेने के प्रचलन की पोल खोल कर रख दी।
घूस की मांग से हैरान परेशान हो कर अधिवक्ताओं ने तहसीदार को पत्र लिख कर घूस की धनराशि को सूचीबद्ध कर रेट सूची जारी करने की मांग कर डाली।

घूस की धनराशि सुनिश्चित करने के लिए अधिवक्ताओं ने तहसील परिसर में लामबंद होकर जबरदस्त नारेबाज़ी भी किया।

विभिन्न पटलों पर लंबित मामलों में प्रमाणित घूस रेट सूची सूचीबद्ध करते हुए जारी कर दिया जाएं।

टांडा तहसीलदार को अधिवक्ताओं ने दिए मांग पत्र के अनुसार उन्होंने लिखा है कि वादकारियों के कार्यों में प्रमाणित घूस धनराशि की सूची न होने से आप को अपेक्षित धनराशि उपलब्ध कराने हेतु समस्याओं का सामना करना पड़ रहा हैं। जो धन राशि दी जाती हैं, वह आपकी अपेक्षाएं के अनुरूप कम होती हैं, इन्हीं कारणों से आदेश नहीं हो पाता है, पूर्व में प्रचलित घूस की धनराशि काफ़ी हद तक बढ़ गई हैं, प्रत्येक वादकारियों के लंबित मामलों की रेट सूची सूचीबद्ध करते हुए जारी कर दिया जाएं तो कार्यों का निष्पादन आसानी से हो सकेंगा।

टांडा तहसील में बिना निजी स्वार्थों की पूर्ति किए एक भी फाइल इधर-उधर नहीं हो सकती

टांडा तहसील के मानिंद अधिवक्ता एवं एडल्ट कमेटी के चेयरमैन अजय प्रताप श्रीवास्तव ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार लंबित पड़ें मुकदमों से जुड़े मामलों को जल्दी निपटाने की कवायद करती हैं, लेकिन टांडा तहसील में बिना निजी स्वार्थों की पूर्ति धनराशि के रूप में रुपए दिए एक भी फाइल इधर-उधर नहीं होती है। घूस धनराशि न मिलने पर लंबित मामलों से जुड़ी फाइलों को लटकाया जाता हैं। यहां भ्रष्टाचार अपने चरम सीमा पर व्याप्त हैं, कोई भी हस्ताक्षर बिना रुपए लिए नहीं किया जाता हैं।

चाहें उक्त हस्ताक्षर मामूली हैसियत प्रमाणपत्र का ही क्यों न हो यहां पत्रावली में मालियत के हिसाब से घूस की धनराशि मांगी जाती हैं। उक्त व्याप्त भ्रष्टाचार से हम अधिवक्ता बंधु लोग परेशान हो चुके हैं, इसी लिए हम लोग चाहते हैं, कि घूस की धनराशि फिक्स किया जाए, जिससे हम सभी अधिवक्तागण अपनें मौकिलो से रेट सूची के अनुसार धनराशि मांग सकें कि इतना घूस देना है। हालांकि उन्होंने कहा तहसील कोर्ट पर घूस का मामला बहुत ज्यादा है, यहां न्याय की कुर्सी पर बैठ कर न्याय को बेचने का काम किया जा रहा हैं, जो बहुत ही निंदनीय हैं

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here