
अवध की शान – आपकी अपनी पहचान
अर्पित सिंह श्रीवास्तव वरिष्ठ पत्रकार एवं मुख्य सम्पादक
अम्बेडकरनगर जनपद में जीबीएस (गुईलेन बैरे सिंड्रोम) वायरस से बचाव के लिए स्वास्थ विभाग ने कमर कस ली है। हालांकि जिले में अभी तक कोई मरीज नहीं मिला है, लेकिन पुणे सहित देश के अन्य हिस्सों में इस वायरस के संक्रमण फैलने के बाद से प्रशासन से प्रशासन गंभीरता से सतर्क हो गया है।
जिला अस्पताल में मरीजों के लिए जीवनरक्षक सुविधाओं से परिपूर्ण 8 बेड का विशेष वार्ड तैयार किया गया है। जिला अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ ओमप्रकाश के अनुसार इस वायरस से संक्रमित मरीजों को अन्य रोगियों से अलग रखना आवश्यक हैं और उनके स्वस्थ होने में अलग-अलग समयावधि लग सकती हैं।
आइए जानते हैं जीबीएस गुईलेन बैरे सिंड्रोम वायरस के लक्षण और बचाव
फिजिशियन डाक्टर योगेन्द्र वर्मा ने बताया कि उक्त वायरस सबसे पहले रोगियों के पैरों को प्रभावित करता हैं। रोगियों के झुनझुनी सुन्नपन और कमज़ोरी महसूस होने लगती हैं। धीरे-धीरे इसका प्रभाव मरीजों के सिर तक फैलता जाता हैं। और मांशपेशियों में कमजोरी के कारण लकवे के लक्षण दिखने लगते हैं, वायरस तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता हैं, तथा कमजोर इम्युनिटी वाले व्यक्तियों में खतरा अधिक रहता हैं।
जाने इसके प्रमुख लक्षण एवं विशेष बचाव
प्रमुख लक्षणों में सांस लेने में दिक्कत, हाथों-पैरों में झुनझुनी, सुन्नपन अत्यधिक कमजोरी, सुई जैसी चुभन, बोलने या भोजन निगलने में परेशानी और पक्षाघात जैसे लक्षण शामिल हैं। इसके बचाव के लिए विशेषज्ञों ने कुछ महत्वपूर्ण सलाह दी है, आइए जानते हैं, कैसे करना होगा बचाव, पानी को उबालकर पीना चाहिए, और केवल ताज़ा भोजन का उपयोग करना बेहतर होता हैं, फल और सब्जियों को अच्छी तरह धोकर खाएं।
बच्चों और बुजुर्गों को इस संक्रमण के लक्षण से बचाएं। घर से बाहर निकलते समय विशेष गुणवत्ता वाले माक्स पहने, विशेषज्ञों का कहना हैं कि घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सावधानी बरतने की जरूरत है।