
अवध की शान – आपकी अपनी पहचान
अर्पित सिंह श्रीवास्तव वरिष्ठ पत्रकार एवं मुख्य सम्पादक
अम्बेडकरनगर जनपद में पुलिसिंग व्यवस्था की कार्यदक्षता के बाबत कई यश प्रश्न खड़े कर रहे हैं। जिले में दो एसओजी टीम अपराधियों पर लगाम लगाने के मामले को लेकर विफल साबित होती दिखाई पड़ रही है।
वर्तमान समय में स्थिति यह है कि थाना/कोतवाली अकबरपुर, बेवाना, जलालपुर, अहिरौली, तथा टांडा थाना अलीगंज समेत आधा दर्जन से अधिक थाना क्षेत्र में लूट एवं चोरी की घटनाएं लगातार बेखौफ अपराधियों के द्वारा बढ़ा दी गई है।
अपराधी बेखौफ होकर अपराध को अंजाम दे रहे हैं। जिसके फल स्वरुप आम जनता के बीच भय का माहौल जबरदस्त रूप से कायम हो उठा है। गत दो महीना का रिकॉर्ड अगर देखा जाए तो वह रिकॉर्ड स्वयं दर्शा रहा है कि जिले में कई लूट और चोरी की घटनाएं घटित हुई जिसके प्रकरण अभी तक अनसुलझे सवालों के घेरे में बने हुए हैं।
थाना क्षेत्रों में लूट और चोरी की घटनाओं पर लगाम नहीं लग पा रही हैं। जिले की विशेष टीमें भी किसी प्रकार से कोई ठोस परिणाम का रिजल्ट नहीं दे प रही हैं। विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक जिले में दो एसओजी टीमों के बीच मनभेद के कारण तालमेल की कमी बनी हुई हैं। यही स्थिति अपराधों की रोकथाम और जांच में बाधक बनने में सहयोग प्रदान कर रही हैं।
जिसके कारण कई मामलों का खुलासा नहीं हो पा रहा हैं। यह स्थिति पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर रही हैं। कहना भी आसान होता जा रहा हैं कि चाहे वह थाने की जिम्मेदारी पुलिस यह फिर जिले में दौड़ रही दो एसओजी की टीम।
अपराध व अपराधियों पर शिकंजा कसने में नाकाम साबित हो रही हैं। जिसके कारण अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। कई थाना क्षेत्रों में लूट और चोरी की घटनाओं में बाढ़ सी आ गई है।
एक के बाद एक चोरी और लूट की वारदातों को अंजाम देते हुए खुलेआम पुलिसिंग व्यवस्था को चुनौती देते हुए अपराधी बेखौफ घूम रहे हैं। और जिले की पुलिस हाथ पर हाथ रख कर बैठी हुई हैं।
अब बात आती हैं, आंकड़ों पर गौर करने की तो हम अगर आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले बीते दो महीनों में जिले भर में लूट और चोरी की कई घटनाएं जिसके खुलासे गर्द में लटके पड़े हुए हैं।
तकरीबन आधा दर्जन से अधिक थानों क्षेत्रों में चोरी की घटनाओं के बाबत अंकुश नहीं लग पा रहा हैं। जिले की स्पेशल टीम भी कुछ खास करिश्मा दिखा पाने में आउवल साबित नहीं हो पा रही हैं।
जनपद में एसओजी की दो टीम होने के कारण आपस में अंदरूनी कलह बनी रहने के वजह से उन दोनों के बीच खींचतान की स्थिति बनी रहती हैं।
इन्हीं कारणों से कई घटनाओं का खुलासा नहीं हो पाता है। ऐसे में सवाल उठना लाज़मी है कि क्या खाकी का खौफ अब अपराधियों में नहीं रहा या फिर अपराधी बेखौफ होने में सफल हो रहे हैं। जो कुछ भी हो यह सभी सवाल जनता के बीच बने हुए हैं।