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रिश्वत लेने के मामले में अलीगंज के दरोगा को पुलिस अधीक्षक ने किया निलंबित, प्रकरण मारपीट के मुकदमे में धारा व नाम बढ़ाने से जुड़ा हैं।

अम्बेडकरनगर जिले के बहुचर्चित थाना अलीगंज में तैनात उप निरीक्षक का एक प्रकरण में रिश्वत लेने का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल होने के बाद पुलिस अधीक्षक ने उक्त मामले की जांच क्षेत्रा अधिकारी टांडा को सौंपी उनकी जांच रिपोर्ट मिलते ही पुलिस अधीक्षक ने दरोगा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

अवध की शान – आपकी अपनी पहचान

अर्पित सिंह श्रीवास्तव वरिष्ठ पत्रकार एवं मुख्य सम्पादक

अम्बेडकरनगर जिले के बहुचर्चित थाना अलीगंज में तैनात उप निरीक्षक का एक प्रकरण में रिश्वत लेने का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल होने के बाद पुलिस अधीक्षक ने उक्त मामले की जांच क्षेत्रा अधिकारी टांडा को सौंपी उनकी जांच रिपोर्ट मिलते ही पुलिस अधीक्षक ने दरोगा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

गौरतलब हैं कि बीते दिनों अवध की शान समाचार पत्र एवं तमाम मीडिया प्लेटफॉर्म व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बहुचर्चित थाना अलीगंज में तैनात उप निरीक्षक अरुण कुमार सिंह की मारपीट के मामले में धारा बढ़ाने व विवेचना के दौरान नाम बढ़ाने के नाम पर पीड़िता से पांच हजार रुपए रिश्वत मांगी थी जिसकी वीडियो पीड़िता ने बना कर अपने पास सुरक्षित कर ली थी जब दरोगा ने अपने कथन के अनुसार रिश्वत लेने के बावजूद विवेचना के दौरान धारा और नाम नहीं बढ़ाया तो उसको सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल कर दिया गया।

ज्ञातव्य हो कि उपरोक्त प्रकरण पूर्व वर्ष अक्टूबर का है, आप को बता दें कि वर्तमान में मेडिकल कॉलेज सद्दरपुर चौकी पर तैनात उप निरीक्षक अरुण कुमार सिंह ने एक मारपीट के बाबत दर्ज मुकदमे के प्रकरण में धारा बढ़ाने व नाम बढ़ाने के नाम पर पांच हजार रुपए रिश्वत की मांग किया था। सद्दरपुर निवासी किरण यादव ने दरोगा को साढ़े चार हजार रुपए रिश्वत देते समय एक वीडियो क्लिप भी बना लिया था।

जो रिश्वत लेते समय की पूरी घटनाक्रम गुप्त कैमरे में कैद हो गई, हालांकि रिश्वत लेने के बाद भी मुकदमे में न तो धारा बढ़ाई गई और न ही आरोपितों के नाम जोड़े गए। जिसके बाद उक्त वीडियो क्लिप सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर तेजी से वायरस होने लगा जिसके बाद अवध की शान व तमाम मीडिया प्लेटफॉर्म पर उक्त वीडियो एवं खबरों का प्रकाशन व प्रसारण होने लगा।

वीडियो व खबर सामने आने पर तेजतर्रा पुलिस अधीक्षक केशव कुमार ने पर तत्काल मामले में कार्रवाई तय करने के उद्देश्यों से इसकी जांच करने की जिम्मेवारी क्षेत्रा अधिकारी सुभम कुमार को सौंपी। उनकी निष्पक्ष जांच पड़ताल शुरू होने के बाबत दरोगा जी प्रथमदृष्ट्या प्रकरण में दोषी पाए गए।

रुपए रिश्वत के रूप में लेन-देन होने की पुष्टि होने पर तेजतर्रा पुलिस अधीक्षक केशव कुमार ने तत्काल प्रभाव से निलंबन की कार्रवाई करते हुए उप निरीक्षक अरुण कुमार सिंह को निलंबित कर दिया।

हालांकि विश्वसनीय सूत्रों की माने तो इस समय अलीगंज थाने के एक मुस्लिम समुदाय से जुड़े पुलिस कर्मी थाना अध्यक्ष के कार्यखास बताए जा रहे हैं, जो थाना अध्यक्ष के कमासुख पूत के रूप में तमाम अर्नगल कार्यों जैसे जमीनी मामले में एक तरफ कब्जा करा देने व पीड़ित की सुनवाई न कर दोषी के बचाव में रिश्वत ले कर बचाव करना आदि के लिए सिर्फ अवैध धन अर्जित करने के उद्देश्यों से लगाए गए हैं।

मीडिया संस्थान उनके भी क्रियाकलापों की तह तक पहुंचने में जुटी हुई हैं। जल्द ही कुछ बड़े खुलासे के रूप में खबर मिल सकती हैं।

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