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पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई हत्याकांड में मंदिर के पुजारी समेत तीन आरोपी गिरफ्तार, गोली मारने वाले दो शूटर को पुलिस के किया वांछित

सीतापुर। पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी हत्याकांड का 34 दिनों के बाद बृहस्पतिवार को पुलिस ने खुलासा कर दिया है। इस हत्याकांड में शामिल पांच लोगों का चेहरा बेनकाब हुआ है। साजिश में शामिल कारेदेव बाबा मंदिर के पुजारी को उनके दो परिचितों संग गिरफ्तार किया गया है।

गोली मारने वाले दो शूटरों को पुलिस ने वांछित घोषित किया

दिन दहाड़े ओवरब्रिज पर चार गोलियां मारकर की गई थी पत्रकार की हत्या

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अर्पित सिंह श्रीवास्तव वरिष्ठ पत्रकार एवं मुख्य सम्पादक

लखनऊ (कार्यालय)। पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी हत्याकांड का 34 दिनों के बाद बृहस्पतिवार को पुलिस ने खुलासा कर दिया है। इस हत्याकांड में शामिल पांच लोगों का चेहरा बेनकाब हुआ है। साजिश में शामिल कारेदेव बाबा मंदिर के पुजारी को उनके दो परिचितों संग गिरफ्तार किया गया है।

वहीं, गोली मारने वाले दो शूटरों को पुलिस ने वांछित घोषित किया है। उन्हें पकड़ने के लिए क्राइम ब्रांच की तीन टीमों के अलावा एसटीएफ की सात टीमों ने नोएडा के आसपास डेरा डाला हुआ है।
महोली निवासी पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी की 8 मार्च को दोपहर करीब साढ़े तीन बजे हेमपुर ओवरब्रिज पर चार गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी।

घटना के बाद से ही एसपी चक्रेश मिश्र के निर्देश पर क्राइम ब्रांच निरीक्षक सत्येंद्र विक्रम सिंह के नेतृत्व में तीन टीमों को खुलासे के लिए लगाया गया। वहीं, एएसपी डॉ प्रवीण रंजन सिंह के नेतृत्व में कुल 12 टीमों ने अपनी जांच शुरू की। 34 दिनों में एक हजार से अधिक नंबरों को रडार पर लिया गया। वहीं, सवा सौ संदिग्धों से पूछताछ की गई। टीमों ने करीब 250 सीसीटीवी कैमरे भी खंगाले।

पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई की फाइल फोटो

पुलिस ने धान सिंडिकेट, खीरी में एक शख्स से करीबी के साथ साथ कारेदेव बाबा मंदिर में राघवेंद्र संग एक पुजारी की करीबियों के एंगल पर पड़ताल शुरू की। सीसीटीवी कैमरों में दो लोग कारेदेव बाबा मंदिर, राघवेंद्र के घर के आसपास और महोली कस्बे में संदिग्ध रूप से घूमते नजर आए। इन पर शक पुख्ता होते ही गहनता से जांच की गई। पूछताछ में कारेदेव बाबा मंदिर के पुजारी शिवानंद बाबा उर्फ विकास राठौर, उनके करीबी निर्मल सिंह और असलम गाजी को गिरफ्तार किया गया है।

पूछताछ में सामने आया कि राघवेंद्र के हाथ शिवानंद बाबा के कुछ ऐसे राज लग गए थे। जिससे उनकी काफी बदनामी होती। इसका जिक्र शिवानंद ने अपने करीबी निर्मल सिंह से किया। निर्मल सिंह ने असलम गाजी की मदद से दो शूटरों को राघवेंद्र की सुपारी दी।

इसके बाद रेकी कर शूटरों ने राघवेंद्र की हत्या कर दी। इस हत्याकांड में पुजारी के पीछे एक सफेदपोश का हाथ होने की चर्चा है। कुछ संदिग्ध रडार पर हैं। उनकी पूरी जानकारी जुटाई जा रही है। जल्द पुलिस उन पर भी शिकंजा कसेगी।

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