
अवध की शान – आपकी अपनी पहचान
अर्पित सिंह श्रीवास्तव वरिष्ठ पत्रकार एवं मुख्य सम्पादक
अम्बेडकरनगर जनपद की ए श्रेणी दर्जा प्राप्त नगर पालिका परिषद टांडा में तैनात एक कर्मचारी द्वारा धनबल से मजबूत व्यक्ति को मोटी रकम वसूल कर सरकारी भूमि को कब्जा किए जाने की दी जा रही रुक-रुक कर धीरे-धीरे निर्माण कर खुली छूट, स्थानीय प्रशासन एवं अधिशासी अधिकारी टांडा डाक्टर आशीष सिंह को भी नगर पालिका परिषद टांडा में तैनात आर.आई राकेश कुमार गौरव द्वारा गुमराह कर सरकारी भूमि पर कब्जा किए जाने हेतु मोटी रकम कमाने के लालच में दे दी जाती हैं।

खुली छूट ऐसा हम नहीं कह रहे दबी जुबान से कुछ विश्वसनीय सूत्रों ने बताया कि नगर पालिका परिषद टांडा के हयातगंज अलीबाग तहसील टांडा परिक्षेत्र अतंर्गत गाटा संख्या 2110 जिसका रकबा/क्षेत्रफल एक बिस्वा 12 विश्वासी 13 कचवांसी सम्पूर्ण क्षेत्रफल से लगभग 18×20 वर्ग फीट जो सरकारी भूमि नजूल के रूप में हयातगंज अलीबाग में मौजूद हैं।
जिसपर विपक्षी नवीन मल्होत्रा निवासी हयातगंज अलीबाग के द्वारा जबरन कब्जा कई महीनों से लगातार करने का प्रयास किया जा रहा हैं।
इसकी शिकायत मोहल्ले के संभ्रांत नागरिकों एवं स्थानीय तमाम सभासदों द्वारा जिलाधिकारी अविनाश सिंह अम्बेडकरनगर, मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश शासन तथा IGRS पोर्टल पर भी की गई लेकिन प्रत्येक दशा में विपक्षी धनबल में अत्यधिक मजबूत होने के कारण नगर पालिका परिषद टांडा में तैनात आर. आई को निजीश्वर्थो की पूर्ति धनराशि के रूप में दे कर रुक-रुक कर धीरे-धीरे निर्माण कर सरकारी भूमि पर कब्जा करने में सफलता हासिल कर रहा हैं।

अगर स्थलीय निरीक्षण उच्च अधिकारियों द्वारा मौका मुआयना कर किया जाए तो सारी सच्चाई उजागर हो जाएगी। हालांकि इस तरह टांडा नगर पालिका परिषद की काजीपुर, सिकंदराबाद, मुबारकपुर आदि जगहों पर मौजूद तमाम सरकारी भूमि जो नजूल के रूप में मौजूद हैं, उन्होंने मिलीभगत कर कब्जा अन्य विपक्षियों से कराने में सफलता हासिल भी कर ली और बाद में शिकायत कर्ता के द्वारा सरकारी भूमि के बचाव में अगर जनहित में शिकायत की जाती हैं तो नतीजन जिम्मेदारों के द्वारा सिर्फ कार्रवाई नोटिस तक सीमित रहती हैं।
जिसका मूल कारण यही मनबढ़ अतिक्रमणकारियों के मन में बना रहता हैं, नोटिस-नोटिस का खेल कर उच्च अधिकारियों को गुमराह कर अवैध कब्जा करके सरकारी भूमि को हड़प कर लेंगे। जिससे इन पर कड़ी कार्रवाई न होना भी सरकारी भूमि को बचाए जाने में सफल साबित नहीं हो पा रही हैं। ऐसे में अगर देखा जाए तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार का सख्त आदेश हैं, कि अगर कोई भी अतिक्रमणकारी द्वारा सरकारी भूमि पर जबरन कब्जा करने का प्रयास करता है या कर लिया है तो उसपर तत्काल प्रभाव से कड़ी कार्रवाई करते हुए अवैध कब्जे को ध्वस्त करा कर कब्जा मुक्त करने की कार्रवाई अमल में लाई जाए।





लेकिन टांडा नगर पालिका परिषद के अधिकारियों पर किसी प्रकार का मुख्यमंत्री के आदेश का फर्क नहीं पड़ता, बेलगाम अधिकारियों पर कार्रवाई तय न होना भी उनके मन निरंतर बढ़ने का कारण बनता भी नज़र आ रहा हैं। गौरतलब हैं कि शिकायत कर्ता गोपाल कन्नौजिया, सुनील व मन्नू कन्नौजिया, रामबचन, नन्द लाल, सोनू आदि ने 15 जनवरी 2025 को मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई गई कि नगर पालिका टांडा के परिक्षेत्र अतंर्गत मोहल्ला हयातगंज अलीबाग स्थित नजूल भूमि पर लगे टैलीफोन के पोल व स्वार्जनिक नल को विपक्षीगढ़ नवीन मल्होत्रा आदि पुत्रगण भूपेंद्रनाथ मल्होत्रा के द्वारा नजूल की भूमि गाटा संख्या 2110 पर बाउंड्रीवल का निर्माण कर कब्जा किया जा रहा हैं।
शिकायतकर्ता ने तत्काल विपक्षी द्वारा किए जा रहें अवैध निर्माण को ध्वस्त कर अतिक्रमण मुक्त किए जाने की मांग की थी लेकिन IGRS पोर्टल पर शिकायतकर्ता के कथन अनुसार जांच अधिकारी टांडा नगर पालिका परिषद ने अपनी आख्या की रिपोर्ट लगाते हुए संबंधितों को अवगत कराया गया कि शिकायतकर्ता की शिकायत के संबंध में स्थलीय एवं अभिलेख का निरीक्षण कराया गया, जिसमें पाया गया कि मोहल्ला अलीबाग हयातगंज टांडा में स्थित नजूल भूमि गाटा संख्या 2110 क्षेत्रफल एक बिस्वा 12 विश्वासी 13 कचवांसी के संपूर्ण क्षेत्रफल में से लगभग 18×20 वर्ग फुट पर अनधिकृत रूप से किए जा रहें अवैध कब्जे एवं निर्माण कार्यों को तत्काल प्रभाव से रोकवा दिया गया है।
साथ ही उन्होंने अपनी आख्या रिपोर्ट के आधार पर कहा कि विपक्षी नवीन मल्होत्रा अपना अभिलेखीय साक्ष्य/प्रपत्र प्रस्तुत किए जाने हेतु टांडा नगर पालिका कार्यालय के पत्र संख्या 749/न. पा. प. टा/अति./2024/025 दिनांक 16.11.2024 द्वारा नोटिस निर्गत की गई है, जिसके क्रम में नवीन मल्होत्रा पुत्र भूपेंद्रनाथ मल्होत्रा द्वारा 25 नवंबर 2024, को बिंदुवार जवाब के साथ अभिलेखीय साक्ष्य प्रपत्र के साथ प्रस्तुत किया गया, जिसमें विपक्षी ने उल्लिखित किया था कि भूखंड संख्या 2110 के संपूर्ण क्षेत्रफल में से 101 वर्ग मीटर का स्वार्जनिक नीलामी द्वारा उनके पिता भूपेंद्रनाथ मल्होत्रा पुत्र काशीनाथ मल्होत्रा के नाम फ्रीहोल्ड होकर दस्तावेज प्राप्त हैं, जिसके बाद नगर पालिका परिषद टांडा के राजस्व अनुभाग में संबंधित फ्रीहोल्ड पत्रावली का अवलोकन करने के पश्चात पता चला कि 101 वर्ग मीटर क्षेत्रफल का नीलामी के आधार पर 25 मार्च सन् 1995 वें को फ्री-होल्ड हेतु धनराशि रुपए 19.025.00 व शेष धनराशि रुपए 57.075.00 स्वीकृति के दौरान दिनांक 11 मई 1995 वें को फ्री-होल्ड हेतु धनराशि जमा किया गया।
आप को बता दें कि इस बीच उत्तर प्रदेश शासन द्वारा तत्कालीन जारी शासनादेश के क्रम में विक्रय विलेख की कार्रवाई पूर्ण नहीं की जा सकीं, वर्तमान समय में शासनादेश संख्या 3/2020/460/आठ-4-2020-137एन/2013 टीसी दिनांक 27 जुलाई 2020 के द्वारा अवैध कब्जे/नीलामी/पट्टे के आधार पर फ्री-होल्ड की कार्रवाई एवं समस्त प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई हैं।
ऐसी स्थित में उपरोक्त नजूल भूखंड पर बिना स्वामित्व/ अनुमति प्राप्त किए निर्माण कार्य कराया जाना नियमसंगत न होने के कारण नजूल भूमि गाटा 2110 पर नवीन मल्होत्रा आदि द्वारा निर्माण कार्य को तत्काल रुकवा दिए जाने का टांडा नगर पालिका परिषद में तैनात आर. आई राकेश कुमार गौरव ने अपनी आख्या में उल्लिखित किया है।
बावजूद इसके विपक्षी द्वारा लगातार निर्माण कार्य को अवैध रूप से करा कर सफल होने का प्रयास किया जा रहा हैं, हालांकि विपक्षी लगभग सरकारी भूमि को कब्जा करने में नगर पालिका परिषद टांडा में तैनात कर्मचारी की मिलीभगत कर के सफल साबित हो चुका हैं, विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक गत बीते चार दिनों पूर्व सरकारी भूमि पर कब्जा कर रहा विपक्षी नवीन मल्होत्रा नगर पालिका परिषद टांडा के आर. आई कार्यालय में बैठ कर कब्जा करने और लेनदेन की बात रहा था।
यह भी बताया गया कि विपक्षी नवीन द्वारा रविवार 9 फरवरी के दिन छुट्टी होने पर सरकारी भूमि पर बचें अवैध कब्जे निर्माण को पूरा कर लेने की निजीश्वर्थो की पूर्ति धनराशि के रूप में दे कर अवैध अनुमति प्राप्त किया था। ऐसे में फिलहाल जांच पड़ताल कर सरकारी भूमि पर लिखा पढ़ी के अनुसार और स्थलीय निरीक्षण के दौरान पता लगाया जा सकता हैं, की उपरोक्त प्रकरण में कितनी सच्चाई हैं।