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पुश्तैनी मकान की रिपोर्ट लगाने के लिए 10 हजार की धनराशि रिश्वत के रूप में किया था मांग-घूसखोर लेखपाल को भ्रष्टाचार निवारण संगठन (ACB) कि टीम ने रंगेहाथों दबोचा

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अर्पित सिंह श्रीवास्तव मुख्य सम्पादक एवं पत्रकार

अम्बेडकरनगर जिले में एक लेखपाल ने भ्रष्टाचार खत्म न होने की उस समय पुष्टि कर दी जब उसको 30 मई शुक्रवार की दोपहर में एक किराना स्टोर की दुकान में पास से दस हजार रुपए रिश्वत लेने के जुर्म में भ्रष्टाचार निवारण संगठन ACB कि टीम ने रंगेहाथों दबोच कर गिरफ्तार कर लिया।

ज्ञातव्य हो कि इस बड़ी कार्रवाई को अंजाम उस समय दिया गया जब वह लेखपाल जलालपुर तहसील के पास स्थित साहू किराना स्टोर के पास महिला इंदु से दस हजार रिश्वत ले रहा था। गौरतलब हैं कि जलालपुर तहसील क्षेत्र के बसिया गांव निवासी महिला इंदु देवी ने अपनी पुस्तैनी मकान के लिए लेखपाल अरुण से उसके पक्ष में सही रिपोर्ट लगाने की याचना की जा रही थी लेकिन लेखपाल अरुण कुमार यादव ने महिला से बिना दस हजार रुपए रिश्वत लिए रिपोर्ट लगाने को तैयार नहीं हो रहा था।

इस बीच महिला इंदु देवी थकहार कर अपनी आपबीती भ्रष्टाचार निवारण संगठन ACB कि टीम से बताई जिसके बाद हरकत में आई भ्रष्टाचार निवारण संगठन ACB कि टीम ने अपना जाल बिछाया और कार्रवाई प्रारंभ कर दी। जानकारी के मुताबिक अयोध्या मंडल के ट्रैप टीम प्रभारी निरीक्षक वीरेंद्र कुमार यादव के नेतृत्व में उनकी टीम ने एक बड़ा जाल बिछाया और लेखपाल अरुण को जलालपुर तहसील के साहू किराना स्टोर के पास से रिश्वत की दस हजार रकम के साथ धरदबोचा और आरोपी लेखपाल अरुण को गिरफ्तार कर के एक अज्ञात स्थान पर लेकर चली गई।

टीम ने अपनी कार्रवाई के अनुसार पूछताछ करने के बाद लेखपाल अरुण के खिलाफ अम्बेडकरनगर जिले के बसखारी थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में अभियोग पंजीकृत कराया। उक्त खबर की पुष्टि जलालपुर तहसील के उपजिलाधिकारी पवन जायसवाल ने किया है। लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि एक तरफ सूबे के मुख्यमंत्री व देश के प्रधानमंत्री भ्रष्टाचार का खत्म करने के लिए लाख जतन कर रहे हैं।

लेकिन अम्बेडकरनगर जनपद में आए दिन घूसखोरी, जनता का उत्पीड़न भूमाफियाओं को निजी स्वार्थों में संरक्षण देना आदि प्रकार के भ्रष्टाचार से जुड़े प्रकरण प्रकाश में आते ही रहते हैं। हालांकि इस आरोपी लेखपाल ने आज यह पुष्टि कर ही दी कि देश के प्रधानमंत्री व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री लाख जतन कर ले भ्रष्टाचार का खात्मा इस देश व अम्बेडकरनगर जिले से नहीं हो सकता।

दअरसल इस भ्रष्ट कार्यशैली में मश्गूल रहने वाले दस हजार रुपए रिश्वत लेने वाले लेखपाल को भ्रष्टाचार निवारण संगठन ACB कि टीम ने रंगेहाथों तो पकड़ लिया लेकिन फिर यह छूट कर आएगा और अपनी भ्रष्टाचार की नीति अपनाने की पुरजोर कोशिश करता रहेगा। एसा ही एक मामला लगभग बीते कुछ साल पहले अम्बेडकरनगर जिले के मुख्य विकास अधिकारी भवन के कार्यालय में तैनात वरिष्ठ लिपिक के साथ हुआ था। उसके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज हुआ और वह जेल भेजा गया।

लेकिन अंतोगत्वा उसे हाईकोर्ट से उसे जमानत मिल गई और वह फिर से इसी जनपद में उसी विभाग में बहाल हो कर बैठा है। अभी भी उसके द्वारा भ्रष्टाचार लगातार करने की सूचना मिलती रहती हैं। दअरसल इस जड़ को तब खत्म किया जा सकता हैं जब इस प्रवृति में शामिल आरोपी गिरफ्तार हो तो उनको नौकरी से बर्खास्त कर देने की संस्तुति हो जाए और उसके परिवार के किसी भी सदस्य को कभी नौकरी में दर्जा न दिया जाए।

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