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चिलचिलाती धूप में तपन व झुलसकर पुलिस कर्मी निभा रहे यातायात व्यवस्था की जिम्मेदारी:न तो पीने के लिए पानी का इंतजाम न ही इन कर्मचारियों के प्रति किसी की संवेदना

तपती गर्मी में ड्यूटी कर रही ट्रैफिक पुलिस, छाया-पानी का नही कोई इंतजाम, जिम्मेदार मौन

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अर्पित सिंह श्रीवास्तव वरिष्ठ पत्रकार एवं मुख्य सम्पादक

अम्बेडकरनगर जनपद में चिलचिलाती धूप के दौरान आप घर से बाहर निकलना मुनासिब न समझते हुए एक तरफ कतरा रहे हैं। तो वहीं दूसरी तरफ इस चिलचिलाती कड़ी धूप में यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए पुलिस के जवान चौराहों पर तपिश को झेलते हुए अपनी ड्यूटी का निर्वाहन कर रहे हैं।

हालात यह हैं कि यातायात पुलिस कर्मियों की त्वचा झुलस गई है। लेकिन, ड्यूटी के आगे अपनी परेशानी को भूलकर ये जवान डटे हुए हैं। शहर की यातायात व्यवस्था किसी से छिपी नहीं है। अतिक्रमण व आड़े-तिरछे वाहनों के चलते बाजारों व सार्वजनिक स्थानों का बुरा हाल है। चौराहों पर लोग नियमों का पालन नहीं करते, जिससे अक्सर जाम की समस्या बनी रहती है।

वहीं इन दिनों चिलचिलाती कड़ी और तेज धूप ने लोगो की परेशानियां और बढ़ा दी है। इस समय तापमान 40 डिग्री से अधिक अपने चौथे आसमान पर है। लेकिन, यातायात पुलिस के सिपाहियों व होमगार्ड चौराहों पर मुस्तैद हैं। पहितिपुर चौराहा, तिराहा, पटेल नगर तिराहा, तहसील तिराहा आदि पर भीषण गर्मी में भी जवान लोगों को यही सीख दे रहे थे कि नियमों का पालन करें।

यहां सिपाहियों के साथ होमगार्ड व पीआरडी के जवान भी मुस्तैद थे। इतनी तेज धूप में जहां कुछ मिनट भी खड़ा होना मुश्किल था, वहां ये जवान जल की समुचित व्यवस्था न होने के कारण सूखती हलक के बीच प्यासे ही तैनात थे। इन सिपाहियों के पानी पीने के लिए कोई समुचित व्यवस्था भी नहीं है।

जब कि इस भीषण धूप में जल ही जीवन है लेकिन ऐसे में पुलिस के जवान खुद ही बोतल में पानी भरकर ले आते हैं, जो कुछ देर में उनकी बोतलों से पानी खाली हो जाता है। एक दृश्य इस दौरान और देखने को मिला पुलिस कर्मियों की लगी ड्यूटी के स्थान पर कहीं पर उनके बैठने और ठहराव करने के लिए छाता तक लगा नहीं दिखा। ऐसे में धूप से राहत पाने के लिए पुलिस कर्मियों द्वारा चिलचिलाती कड़ी धूप से हटकर कुछ देर के लिए किसी दुकान या पेड़ के सहारे नीचे होकर राहत पाने के लिए मजबूर हो रहें हैं।

कुछ मीडिया कर्मी के द्वारा वार्ता करने के पश्चात यातायात पुलिस कर्मियों द्वारा बताया गया कि धूप में ड्यूटी करना बेहद कठिन है। लगातार धूप में खड़े रहने से त्वचा भी झुलसने लगती है। हालात जब ज्यादा खराब होते हैं तो कुछ देर किनारे खड़े होकर राहत पा लेते हैं।

यातायात आरक्षी से पूछने पर बताया कि लोग नियमों का पालन नहीं करते हैं। इसके चलते परेशानी और बढ़ जाती है। अगर लोग सहयोग करते हुए नियम से चलेंगे तो हमें भी राहत मिलेगी। होमगार्ड सिपाही द्वारा भीषण गर्मी को देखते हुए बताया शहर के कुछ प्वाइंट्स ऐसे हैं, जहां हर वक्त स्थिति खराब रहती हैं। वहां ड्यूटी लग जाए तो पलभर की राहत नहीं मिलती।

धूप में तो बुरा हाल हो जाता है। पीआरडी जवान द्वारा बताया गया कितनी भी धूप हो, हमें तो ड्यूटी करनी ही है। लेकिन, यातायात को संभालने के साथ नियमों का पालन न करने वाले लोग परेशानी का कारण बनते हैं। मीडिया कर्मी ने जब यातायात सिपाही से बात की तो उन्होंने कहा अभी से चिलचिलाती धूप ने बुरा हाल कर दिया है।

आगे हालात और खराब होने के संकेत हैं। लेकिन, ड्यूटी सर्वोपरि है। कोशिश यही रहती है कि किसी भी हालात में व्यवस्था न बिगड़े। कस्बे में निवास करने वाली आम जनता यह कहती है जिले के आलाहाकीमो को क्या समस्या होगी साहब ए.सी से निकले और ए.सी गाड़ी में जायजा लेकर चले गए। उनको अपने अधीनस्थ कर्मचारियों की तनिक भी चिंता नहीं है। क्या जिले के आलाहाकिम इस समस्या का समाधान करवा पाएंगे या नहीं यह भविष्य के गर्भ में है।

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