सौजन्य से: रविंदर वर्मा जिला संवाददाता दैनिक केसरिया हिंदुस्तान समाचार पत्र
अम्बेडकर नगर। गीता देवी पत्नी राजेश निवासी जुनेदपुर थाना आलापुर जिसने अनेकों लोगों के विरुद्ध फर्जी तहरीर देकर SC.ST की धाराओं के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कराया है। उस SC ST धाराओं में फर्जी फसाने वाली पेशेवर जालसाज़ महिला गीता देवी द्वारा दिनांक 24/11/2024 को दिए गए एक लिखित प्रार्थना पत्र की जांच में थाना अध्यक्ष राकेश कुमार ने सिद्ध कर दिया, कि तहरीर फर्जी है, दो लोगों को फर्जी फंसाने के लिए दी गई है।
गीता देवी की तहरीर में लगाए गए आरोप में क्या था कथन??
गीता देवी ने दिनांक 24/11/2024 को थाना अध्यक्ष आलापुर को दी गई तहरीर में धर्मेंद्र यादव पुत्र राम अवध निवासी हाफिज पुर एवं रहबर आलम पुत्र नवी आलम निवासी ग्राम इन्दईपुर दोनों लोगों पर आरोप लगाया कि दोनों एक ही मोटरसाइकिल पर बैठकर हथिनाराज की तरफ से आ रहे थे गीता देवी के दरवाजे पर पहुचे तो गीता देवी ने हाथ देकर रोका और कहा तुम लोगों ने मेरी वीडियो वायरल क्यों किया इस पर पीछे बैठे रहवर आलम ने गीता देवी को थप्पड़ मारा जिससे गीता देवी गिर गई और जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए जान से मारने की धमकी देते हुए भाग गये।
थाना अध्यक्ष राकेश कुमार के द्वारा की गई जांच में शिकायत फर्जी पाई गई तहरीर के कारण का भी किया खुलासा
गीता देवी पत्नी राजेश कुमार निवासी ग्राम जुनेदपुर थाना आलापुर जनपद अंबेडकरनगर द्वारा लिखित प्रार्थना पत्र के संबंध में मौके पर जाकर जाँच की गई तो ज्ञात हुआ कि आवेदिका गीता देवी द्वारा मु०अ०स० 155/22 धारा 323/504/506/328/354 (ख) व 3/8 एससी एसटी एक्ट बनाम शाहिद मुनीर सिद्दीकी निवासी हुसैनपुर मुसलमान के विरुद्ध पंजीकृत कराया था।
बाद विवेचना प्राप्न साक्ष्य के आधार पर आरोप पत्र स0 A-158/22 दिनाँक 19.8.22 को माननीय न्यायालय प्रेषित किया जा चुका है। इसी मुकदमे को लेकर वादिनी गीता देवी व विपक्षी धर्मेन्द्र यादव पुत्र राम अवध निवासी हाफिजपुर थाना आलापुर जनपद अंबेडकरनगर के मध्य बातचीत के क्रम में आवेदिका धर्मेन्द्र यादव के घर पर गयी था। उसी समय पत्रकार हरिलाल प्रजापति भी मौजूद था।
उसी मुकदमे को लेकर विपक्षी धर्मेन्द्र बादव व आवेदिका के मध्य मुकदमे में सुलह समझौते की बाता की जा रही थी और यह भी कहा गया था कि यह मुकदमा मैंने उच्चाधिकारियों के दबाव में लिखवाया था। इन्ही सभी बातो को हरिलाल प्रजापति द्वारा अपने मोबाइल के माध्यम से रिकार्डिंग करके सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया जिससे आवेदिका के बदनामी हुई एवं बेइज्जती महसूस की गई। इसी बात को लेकर आवेदिका द्वारा दिनाँक 24.11.24 को समय लगभग 10 बजे धर्मेन्द्र उपरोक्त एवं रहबरे आलम पुत्र नवी आलम निवासी ग्राम इन्दईपुर पर आरोप लगाया कि दोनो एक ही मोटर साइकिल पर बैठकर हाधिनाराज की तरफ से आ रहे थे और प्रार्थिनी के दरवाजे पर पहुँचे तो प्रार्थिनी ने हाथ देकर रोका और कहा तुम लोगो ने मेरी वीडियो वायरल क्यो की।
इस पर पीछे बैठे रहबरे आलम ने प्रार्थिनी को थप्पड़ मारा जिससे प्रार्थिनी गिर गयी और जाति सूचक शब्दों को प्रयोग करते हुए जान से मारने की धमकी देते हुए भाग गये। घटना के समय दोनो व्यक्ति एक साथ बाइक से उसके घर पर नहीं गए थे।जिस समय की घटना है विपक्षी धर्मेंद्र यादव गाड़ी लेकर शादी में गया था। जिसकी पुष्टि लालमन मौर्य पुत्र गंगाराम मौर्य निवासी जुनैदपुर के द्वारा की गई क्योकि यह भी कार चलाता है और यह भी उस दिन कार लेकर शादी में गया था तथा रहवरे आलम के घर पर कैमरा लगा हुआ है कैमरे से भी इस बात की पुष्टी हुई है।
कि रहबरे आलम उसी दिनाँक उसी समय एक मय्यत में तीन लोगो के साथ मजगंवा गया था उसके बाद अपने घर आया था इसके बाद हाथिनाराज के पास उसकी ट्रेक्टर ट्राली फस गयी थी जिसके लिये जैक एवं जैक राड लेने घर आया था आने जाने का समय विपक्षी रहवरे आलम कैमरे में मौजूद है एवं अन्य गवाही से भी उपरोक्त बात की पुष्टी की गई।
आरोपी गण रहबरे आलम के मो0 न0 7860292826 एवं धर्मेन्द्र के मो0न0 9721266416 की दिनांक 24.11.24 की अवलोकन किया गया तो अवलोकन से आरोपीगण दोनो मे बात होना और न ही अन्य दिनो मे बात होना पाया गया एवं दोनो के मोवाइल नंबर की लोकेशन भिन्न भिन्न पायी गई। इससे स्वतः साबित हो रहा है कि दोनों ही आरोपी गण एक साथ नहीं थे और न ही उनके द्वारा दिनाँक 24.11.24 को आवेदिका के साथ किसी प्रकार की घटना कारित की गई है।
विपक्षी धर्मेन्द्र यादव के द्वारा पूर्व में आवेदिका का वीडियो रिकार्डिंग बनाकर वायरल की थी इसी पटना को लेकर आवेदिका द्वारा झूठा प्रार्थना पत्र दिया गया है। जिसपर किसी कार्यवाही की आवश्यकता प्रतीत नहीं हो रही है। आवेदिका के द्वारा लगाये जा रहे आरोपो की जाँच से पुष्टी नहीं हो पा रही है।
शाहिद मुनीर सिद्दीकी को फर्जी तरीके से SC ST में फंसाने का खुलासा होने पर बदला लेने के लिए दी गई तहरीर
एक स्टिंग ऑपरेशन में गीता देवी ने खुद कबूला था कि किस तरह उन्होंने पुलिस के उच्च अधिकारियों और विकास विभाग के अधिकारियों के कहने पर शाहिद मुनीर सिद्दीकी को फर्जी तरीके से SC ST में फंसाया था। उस वीडियो के कुछ अंश को सी न्यूज पर दिखाई गई खबर के वायरल होने के बाद धर्मेंद्र यादव व रहबर आलम को फसाने की साजिश की गई थी। लेकिन थाना अध्यक्ष राकेश कुमार की जांच में गीता देवी की तहरीर में लगाए गए आरोप फर्जी पाए गए।
सी न्यूज पर चली खबर के बाद गीता देवी ने धर्मेंद्र यादव को जेल भेजने की खुले आम दी थी धमकी
सी न्यूज पर चली खबर जब जनपद में वायरल हुई तो गीता देवी से कई स्तरों पर पूछताछ शुरू हुई। कहते हैं कि सबसे ज्यादा दबाव पुलिस विभाग की तरफ से था। उसी से परेशान होकर गीता देवी ने धर्मेंद्र यादव को वीडियो बनाने का जिम्मेदार मानते हुए धर्मेंद्र यादव को जेल भेजने की खुले आम धमकी दी थी। गीता देवी ने पहले वकील से तहरीर बनवाई थी जिसमें उसने धर्मेंद्र यादव पर आरोप लगाया था कि उसने गीता देवी का अश्लील वीडियो बनाकर वायरल किया जिसकी खबर भी कई सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर चली। लेकिन उस तहरीर में उल्लेख किए गए अश्लील वीडियो को गीता देवी पुलिस को उपलब्ध नहीं करा पायी।
मुकदमा दर्ज नहीं हो रहा था तो एक स्थानीय पत्रकार ने थाने में पैरवी की। तत्समय प्रभारी थानेदार ने बताया कि अश्लील वीडियो प्रस्तुत करें तभी मुकदमा दर्ज होगा। जब थाना अध्यक्ष राकेश कुमार छुट्टी से वापस आए तो दूसरी तहरीर दी गई जिसमें अश्लील वीडियो का मामला हटाकर थप्पड़ मारने, जाति सूचक शब्द कहने जान से मारने की धमकी का आरोप लगाया गया। जांच में यह आरोप भी फर्जी सिद्ध हुआ।
गीता देवी एक पेशेवर महिला है जिसका काम ही लोगों को SC ST के फर्जी मुकदमे में फंसाना या धमकी देकर धनउगाही करना मात्र है??
गीता देवी और उसके परिवार ने SC.ST एक्ट का दुरुपयोग कर अवैध धन उगाही को अपना पेशा बना लिया है। 2022 में इसने 2 मुकदमे और इसकी पुत्री ने एक मुकदमा थाना आलापुर में दर्ज कराया। मां बेटी किसी बिजनेस मैन, नामी गरामी या रसूखदार व्यक्ति को अपना निशाना बनाती है।
यह पहले थाने पर तहरीर देने की धमकी देती है अगर सामने वाले ने डर कर समझौता कर लिया तो ठीक, वरना फिर थाने पर तहरीर देकर पुलिस से प्रताड़ित करवाती है उसके बाद इंसान पैसा देकर समझौता कर ही लेता है नहीं तो फिर कुछ बिकाऊ टाईप के पत्रकार और छोटे मोटे नेता से पैरवी कराकर मुकदमा दर्ज करवा देती है।फिर अदालत से गिरफ्तारी कुर्की आदि कर डर दिखाकर बड़ी धनराशि की वसूली करके अदालत में सुलह कर लेती हैं।
कहीं पुलिस की मिलीभगत से तो नहीं गीता देवी वसूली का रैकेट चलाती है??
गीता देवी द्वारा बार बार फर्जी तहरीर देने का खुलासा हो जाने के बाद भी उसके ऊपर पुलिस प्रशासन का चाबुक आज तक नहीं चला। कब चलेगा यह कह पाना मुश्किल है। क्योंकि वीडियो में उसके द्वारा अपनी कारस्तानियां कबूल करने के हिसाब से पुलिस के बहुत बड़े-बड़े लोगों का संरक्षण मिल रहा है।
विकास विभाग से भी कुछ लोग मिले हुए जो अपने विरोधियों को धमकाने के लिए गीता देवी का प्रयोग करते है फिर उसको संरक्षण भी देते हैं। फिलहाल देखना यह होगा की जो गीता देवी जनता में दहशत फैलाई है उससे जनता को कब राहत मिलेगी। नए कप्तान साहब को इसका संज्ञान में लेकर कठोर कार्रवाई करनी चाहिए। वैसे कप्तान साहब के लिए कार्यवाही करना किसी चुनौती से कम नहीं है।
