
अम्बेडकरनगर। जिलाधिकारी अविनाश सिंह की अध्यक्षता में पराली जलाने से रोकने को लेकर कलेक्ट्रेट सभागार में 17 अक्टूबर दिन बृहस्पतिवार को समीक्षा की गई थी और कहा गया था कि राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण अधिनियम के अंतर्गत खेत में फसल अवशेष जलाना दंडनीय अपराध है। सभी एसडीएम व बीडीओ को बिना जरूरी प्रणाली लगे कंबाइन से धान की कटाई करने पर मशीन को सीज कर वैधानिक कार्रवाई के निर्देश दिए थे।
बावजूद इसके ग्रामीणों द्वारा अपनी मनमानी करते हुए पराली को जला कर नष्ट कर दिया जा रहा हैं, और अधीनस्थ अधिकारी मौन धारण कर जिलाधिकारी अविनाश सिंह के आदेश का पालन कराने में निर्णायक भूमिका नहीं निभा पा रहे हैं, ऐसे में कैसे पराली को किसान आग के हवाले कर के नष्ट न करें इसके लिए जिला प्रशासन क्या कोई उपाय निकालने में सक्षम साबित होता दिखाई पड़ सकता है, उपरोक्त प्रकरण जिला प्रशासन के लिए चुनौती बन यश प्रश्न बन सवालिया निशान खड़ा कर रहा हैं।
उल्लेखनीय है, की जिलाधिकारी ने अधिकारियों के बीच बैठक कर स्पष्ट आदेश देते हुए कहा था कि निरीक्षण में जला अवशेष पाए जाने पर अर्थदंड की वसूली की जाए । पराली जलाने पर कार्रवाई को लेकर डीएम ने कहा कि सभी बीडीओ अपने क्षेत्र के प्रधानों के साथ बैठक कर पराली न जलाने को लेकर जागरूक करें।
साथ ही किसानों को बताएं कि पराली अपने निकट की गोशाला पर देकर वहां से गोबर की खाद हासिल करने पर ध्यान दें। साथ ही सभी एसडीएम से कहा कि लेखपालों को अपने क्षेत्र का भ्रमण कर लोगों को जागरूक करने को फिर से निर्देशित करें। साथ ही अगर कोई खेत में पराली जलाता हुआ पाया जाए तो उसपर खेत के रक्बे के अनुसार अर्थदंड लगाने के साथ तत्काल जुर्माना वसूला जाए।
लेकिन उनके निर्देशों के विपरीत पराली जला कर ग्रामीण क्षेत्रों के लोग नष्ट कर दे रहे हैं, और स्थानीय प्रशासन मूर्खदर्शक बन सब कुछ देखने पर मजबूर होता लाचार दिखाई पड़ रहा हैं।
उन्होंने यह भी कहा था कि साथ ही ऐसी कंबाइन मशीनों के संचालन पर रोक लगाई जाए जिसमें आधुनिक प्रणाली न लगी हो। सभी थानाप्रभारी को निर्देश दिए गए कि प्रत्येक सिपाही अपने क्षेत्र में भ्रमण कर गतिविधि पर नजर रखें। उप निदेशक कृषि डॉ. अश्विनी सिंह ने जुर्माना लगाने को लेकर सभी को जानकारी दी। इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी आनंद कुमार शुक्ला, एडीएम डॉ. सदानंद गुप्त के अलावा सभी एसडीएम और बीडीओ मौजूद रहे।
लेकिन किसान अपनी मनमानी कर पराली जला कर नष्ट कर रहे हैं।और स्थानीय प्रशासन की निगाहें इन गंभीर मामलों पर नहीं पड़ती दिखाई पड़ रही हैं।