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हत्या की घटना को खुद अंजाम देकर दूसरे को फसाने का षडयंत्र रचने व भ्रामक तहरीर देकर मुकदमा दर्ज करवाने वाले गिरोह का टांडा कोतवाली पुलिस ने किया भंडाफोड़

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अर्पित सिंह श्रीवास्तव वरिष्ठ पत्रकार एवं मुख्य सम्पादक

अम्बेडकरनगर जनपद की टांडा कोतवाली क्षेत्र में 4 मई की रात लगभग 9 बजे के आस-पास एक युवक ने अपने चार साथियों के साथ मिलर एक युवक को फसाने के उद्देश्यों से खुद को पेट में गोली मारकर घायल कर लिया। और टांडा कोतवाल पुलिस को रात्रि में सूचना खुद देकर गोलीकांड में घायल होने की भ्रामक जानकारी दी। टांडा कोतवाली पुलिस ने तत्काल घटना को संज्ञान लेते हुए युवक की तहरीर पर संबंधित धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर लिया। और युवक को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवा कर इलाज हेतु भेज दिया।

लेकिन जब इस घटना का टांडा कोतवाली पुलिस टीम में शामिल प्रभारी निरीक्षक दीपक सिंह रघुवंशी व निरीक्षक अनिरूद्ध सिंह ने जांच शुरू कि तो प्रथमदृष्ट्या प्रकरण भ्रामक और झूठा निकला जांच पड़ताल के दौरान पुलिस के सामने आश्चर्यजनक तथ्य सामने आए। की गोलीकांड की भ्रामक और झूठी सूचना देने वाले सूरज और अरविंद वर्मा से घटना वाले दिन ही दोपहर को एक चाय की दुकान पर दारू पीने के दौरान अजय वर्मा से कुछ बात को लेकर कहासुनी हुई थी।

जिसके बाद अरविंद वर्मा ने अपने भाई-बहन के साथ हुए झगड़े से क्षुब्ध होकर अजय वर्मा को गंभीर धाराओं में फसाने का षडयंत्र रचा, इसी घटना को करित करने के उद्देश्यों से अरविन्द वर्मा ने विशाल वर्मा को पैसे देकर अवैध असलहा मंगवाया जिसकी व्यवस्था लक्ष्मीनारायण वर्मा ने जितेंद्र यादव उर्फ कल्लू से कि, इसी असलहे से अरविन्द वर्मा ने सूरज को उसके पेट के दाहिने हिस्से में गोली मारकर घायल कर दिया। जिसके बाद खुद ही सूरज ने कोतवाली में घटना की फर्जी सूचना देकर अजय वर्मा के खिलाफ मु. अ. स. 132/25 धारा 109, (1), 352/324(2), बीएनएस व (3)V एससी/एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करवाया।

हालांकि पुलिसिया कार्यशैली के जरिए जांच/विवेचना के दौरान इस पूरे षडयंत्र के तहत रचे गए मामले में अरविन्द वर्मा, सूरज उर्फ गब्बर, विशाल वर्मा, लक्ष्मीनारायण वर्मा और जितेंद्र कुमार यादव उर्फ कल्लू, की संलिप्तता अजय वर्मा को फर्जी और गंभीर मुकदमे में फसाने की प्रकाश में आई। टांडा कोतवाली पुलिस टीम ने पांचों आरोपी को 6 मई 2025 को अलग-अलग स्थानों से गिरफ्तार करने में बड़ी सफलता हासिल कि हैं।

गिरफ्तार कुल पांच आरोपियों में चार की पहचान अरविन्द वर्मा, सूरज उर्फ गब्बर, विशाल वर्मा, लक्ष्मीनारायण वर्मा उक्त सभी अकूतपुर कोतवाली टांडा के निवासी हैं। जबकि एक आरोपी की पहचान जीतेन्द्र कुमार यादव उर्फ कल्लू थाना हंसवर थाना क्षेत्र अंतर्गत कल्याणपुर उदनपुर के निवासी के रूप में हुई। इनके कब्जे से एक अवैध पिस्टल समेत दो खोखा, कारतूस बरामद किए गए।

पुलिसिया रिकॉर्ड के मुताबिक अरविन्द वर्मा एक शातिराना अपराधी है, उसके ऊपर हत्या, लूट, गैंगस्टर, आर्म्स एक्ट समेत कुल 16 अपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। अरविन्द वर्मा की अपराधिक गतिविधियों की लंबी चौड़ी सूची पुलिस के रिकॉर्ड में जिंदा हैं। जो जिले में उसकी अपराधिक पृष्ठभूमि को दर्शाती हैं।

इस पूरे घटना क्रम के तहत रचे गए षडयंत्र की पूरी पिक्चर का खुलासा करने में टांडा कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक दीपक सिंह रघुवंशी व निरीक्षक अनिरूद्ध सिंह के टीम का बड़ा सहयोग रहा।

पुलिस अधीक्षक केशव कुमार अम्बेडकरनगर ने गोलीकांड के झूठे और फर्जी घटना के सफल अनावरण करने वाली टीम की सराहना प्रदान करते हुए कहा कि इस प्रकार के अपराधियों के खिलाफ आगे भी अभियान चलाकर निष्पक्ष कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

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